Tuesday, December 18, 2012

नासा ने ध्वस्त किए चंद्रमा पर भेजे गए उपग्रह


चांद पर नज़र रखने के लिए अंतरिक्ष में भेजे गए नासा के दो उपग्रहों को जानबूझ कर चांद की सतह पर ध्वस्त कर दिया गया है.

'ऐब्ब' और 'फ्लो' नाम के ये अंतरिक्ष यान करीब एक साल तक चांद की परिक्रमा करते हुए उसके गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र को मापने का काम करते रहे हैं. ऐसा उसके आंतरिक हिस्सों के बारे में पता लगाने के लिए किया गया था.
वॉशिंग मशीन के आकार के इन दोनों उपग्रहों ने चांद की शानदार और विस्तृत तस्वीरें खींच कर भेजीं थीं. लेकिन बाद में इसका ईंधन कम हो जाने पर नासा के वैज्ञानिकों ने इन अंतरिक्ष यान को चांद के उत्तरी ध्रुव के पास के एक चट्टान पर ध्वस्त कर दिया.
जिस जगह पर इस यान को ध्वस्त किया गया है उसे अंतरिक्ष में जाने वाली पहली अमरीकी महिला सैली राइड के नाम पर रखा गया है, जिनकी इस साल की शुरुआत में मौत हो गई थी. सैली राइड की संस्था ही इन अंतरिक्ष यानों के कैमरे को संचालित कर रही थी.

टक्कर

नासा द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद अब इस उपग्रह के अनियंत्रित होकर अपोलो लैंडिंग साइट जैसी ऐतिहासिक महत्व वाली जगहों पर गिरने का अंदेशा खत्म हो जाता है.
इस उपग्रह का नासा के रेडियो ट्रैकिंग सिस्टम से ग्रीनिच मानक समयानुसार (जीएमटी) रात 10.30 बजे के आसपास संपर्क टूट गया था. चांद की सतह पर होने वाले गुरुत्वाकर्षण के विभिन्न रुपों के नक्शे ग्रह विज्ञान के क्षेत्र में कई बदलाव ला सकते हैं.
अमरीका स्थिर मैसाच्वेट्स इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की मुख्य जांचकर्ता प्रोफेसर मारिया ज़ुबेर के अनुसार, ''इन यानों ने चांद पर पड़े कई पर्दे को हटाया है. ये आनेवाले समय में चांद की उत्पत्ति से जुड़ी कई जानकारियों का स्रोत साबित होगा.''
ग्रेल के नाम से जाने जाने वाले दोनों उपग्रह एक दूसरे से करीब तीन किलोमीटर की दूरी और 30 सेकेंड के अंतराल पर चट्टान से टकराए थे. जिस समय ये दोनों उपग्रह ध्वस्थ हुए थे उस समय उस चट्टान के आसपास घुप्प अंधेरा था.
ईंधन खत्म होने के कारण पृथ्वी पर कंट्रोल रुम में बैठे वैज्ञानिकों के लिए उनको देख पाना थोड़ा असंभव था. इन्हीं दोनों उपग्रहों के तर्ज पर चंद्रमा पर भेजे गए नासा के एक और टोही विमान को भी जल्द ही क्रैश करने की योजना है.

योगदान

ग्रेल मिशन ने अब तक की सभी अंतरिक्ष परियोजनाओं की तुलना में किसी भी ग्रह के सबसे बेहतर क्वालिटी के मानचित्र भेजे हैं जिसमें पृथ्वी भी शामिल है. उपग्रहों द्वारा गुरुत्वाकर्षण में जिस फर्क को मापा गया है वो चंद्रमा के असामान्य संरचना के बारे में बताती है.
इसके स्पष्ट उदाहरण चांद की सतह पर मौजूद बड़ी पर्वत श्रृंखलाएं और गहरी घाटियां हैं. इतना ही नहीं चांद के भीतरी हिस्से में मौजूद चट्टानों में भी अनियमितता पाई गई है.
हालांकि इन जानकारियों का विशलेषण अभी नहीं किया गया है लेकिन वैज्ञानिकों को चांद के संबंध में कुछ बेहद ही रोचक और नई जानकारियां मिली हैं.
प्रोफेसर मारिया ज़ुबेर के अनुसार, ''जो सबसे महत्वपूर्ण बात हमें पता चली है वो ये हैं कि चांद की बाहरी परत जितना हमने सोचा था उससे कहीं ज्य़ादा पतली है और यहां मौजूद घाटियों के कारण इसका बाहरी आवरण हट गया है. ये सभी तथ्य चांद के साथ पृथ्वी की संरचना को समझने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं क्योंकि हम ऐसा मानते हैं कि पृथ्वी और चांद की संरचना कई मायनों में एक जैसी है.''
गुरुत्वाकर्षण की इन जानकारियों से ये भी पता चलता है कि चांद को अपनी उत्पत्ति के शुरुआती वर्षों में कई तरह की दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ा है जिस कारण उसकी ऊपरी परत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. ऐब्ब और फ्लो को चांद पर कई गहरी दरारों के सबूत भी मिले हैं, जो वहां मलबों के नीचे पड़े मिले हैं.
कुछ सौ किमी लंबे ये बांध चांद की सतह से काफी गहरे तक जाते हैं जो चांद के प्रारंभिक विस्तार के बारे में बताता है. ग्रेल द्वारा जमा किए जानकारियों से चांद की उत्पत्ति की पूरी जानकारी मिलने में मदद मिल सकती है.
कुछ वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि हो सकता है कि पृथ्वी पर दो चंद्रमा भी रहे हों जो बाद में मिलकर एक हो गए. हालांकि ग्रेल द्वारा इकट्ठा की गई जानकारियों इसे झुठला सकती हैं.

Friday, August 10, 2012

बार-बार लौटकर आने वाली खुशी है ईद


यूं तो रमजान का पूरा महीना रहमत, मगफिरत और नर्क से छुटकारे का है, लेकिन जो लोग शराबी हैं, माता-पिता का कहना नहीं मानते हैं, आपस में लड़ते हैं और दिल में कीना रखते हैं, उनकी इस महीने में भी मगफिरत व बख्शिस नहीं होती है। हर्ष के मैदान में रोजेदारों को पुकार कर कहा जाता है कि उठो और जन्नत के आठ दरवाजों में से एक खास दरवाजे [रैय्यान] से जन्नत में दाखिल हो जाओ। यह वह दरवाजा है जिसमें मगफिरत व बख्शिस नहीं दिए जाने वाले प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
रमजान वो महीना है जिसमें इंसानों की सारी मनुष्यता के लिए हिदायत बनाकर रौशनी हासिल करने के लिए कुरान नाजील फरमाया गया है। कुरान वो किताब है जिसके द्वारा इंसान सच और झूठ में, न्याय और अन्याय में, हक व बातिल में, कुर्फ में इमान में, इंसानियत और शैतानियत में फर्क करना सीखते हैं। रमजान के अंदर अल्लाह की तरफ से तमाम मुसलमानों के ऊपर रोजा फर्ज किया गया है। कुराण कहता है-ऐ इमान वालों, तुम पर जिस तरह रोजा फर्ज किया गया है ठीक उसी तरह उन्मतों पर भी रोजा फरमाया गया है ताकि तुम परहेजगार बन सको। रमजान का सबसे अहम अमल रोजा है। सूर्योदय के पूर्व से सूर्यास्त होने तक अपने बनाने वाले अल्लाह की एक इच्छा के अनुसार जायज खाने-पीने से और दिल की ख्वाइश से बच-बचाकर इंसान यह अभ्यास करता है कि वे पूरी जिंदगी में अपने अल्लाह के कहने के मुताबिक ही चले।
रमजान में रोजे के साथ-साथ रात में मुसलमान रोजाना तराबीह की बीस रकत नमाज में पूरा कुरान सुनते हैं। ये दुनिया भर की हर मज्जिद में अमल सुन्नत जानकर अदा की जाती है। इसकी फजीलत हदीस में आई है कि जो ईमान व ऐहतसाब के साथ ये नमाज तरबीह की अदा करेगा उसके पिछले तमाम गुनाहों को माफ कर दिया जाता है।
आमतौर पर आम मुसलमान ईद की पूर्व रात को चांद की रात के नाम से जानते हैं लेकिन कुरान में इस रात की बड़ी अहमियत होती है। हदीस के अनुसार इसका अर्थ है कि फरिश्ते आसमान पर इस रात को बातें करते हैं कि लैलतुल जाइजा [इनाम की रात] यानी पूरे रमजान जो अल्लाह के बंदों ने दिनों में रोजा रखकर और रातों में तराबीह पढ़कर अपने अल्लाह का हुकूम पूरा किया है, आज की रात उन्हें इनाम और बदले में अल्लाहताला उनकी बख्शिस व मगफिरत फरमाता है।
ईद अरबी शब्द है जिसका अर्थ है कि बार-बार लौटकर आने वाली खुशी। ईद में दो रकत नमाज वाजिब शुक्राने के तौर पर तमाम मुसलमान अदा करते हैं। वैसे मुसलमान से अल्लाहताला खुश हो जाते हैं और रमजान के दौरान अच्छी तरह नमाज अदा करने वाले रोजदार को अल्लाहताला से रजा व खुशी हासिल हो जाती है। इसी शुक्राने में ईद की नमाज अदा की जाती है। ईद वाले दिन सदक-ए-फितर हर साहिबे हैसियत मुसलमानों पर वाजिब है। अपने तमाम घर वालों की तरफ से पौने दो किलो गेहूं या उसकी कीमत के बराबर रकम गरीब, मिस्कीन, नादार में तकसीत कर दें ताकि हर मुसलमान खुशी और मुसर्रत के साथ ईद की खुशियों में अपना हिस्सा भी हासिल कर सकें। ईद के दिन आसमान में फरिश्ते आपस में बातें करते है कि अल्लाह ताला ने सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की उम्मत के साथ क्या मामला किया? उन्हें जबाव मिलता है, मेहनत करने वाले को उनकी पूरी-पूरी मजदूरी दे दी जाती है जो अल्लाह की रजा व खुशनुदी की शक्ल में उस दिन लोगों को अता की जाती है।
पूरे महीने के रोजे के बाद अल्लाह का शुक्र अदा करने और अपनी अदा अजरत अल्लाहताला से लेने के लिए ईद की नमाज अदा की जाती है क्योंकि अल्लाह ईद के दिन सारे रोजदारों की मगफिरत फरमाकर निजात का परवाना अताए फरमाता है। ईद की नमाज हमारे रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की सुन्नत है और हमसब पर वाजिब है। इस दिन एक दूसरे से मुहब्बत व प्यार एवं कौमी मकजहती और खुशी का इजहार किया जाता है।

Thursday, July 19, 2012

‘काका’ ने कहा ‘अलविदा’

अपने समय के सुपरस्टार राजेश खन्ना का आज मुंबई में निधन हो गया. उन्होंने अपने घर पर अंतिम सांस ली. उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. खन्ना लंबे समय से बीमार चल रहे थे. कल सुबह 11 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा.


राजेश खन्ना बीते 1 अप्रैल से बीमार थे. कमजोरी की शिकायत के चलते उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि उन्हें चार दिनों में ही डॉक्टरों ने अस्पताल से छुट्टी दे दी थी. राजेश से अलग रह रही उनकी पत्नी डिम्पल कपाडिय़ा बीमारी के बाद से ही उनकी देखभाल कर रही थी. उनकी बेटियां ट्विंकल, रिंकी, दामाद अक्षय कुमार और समीर शरण भी उनके साथ ही थे. 69 साल के अभिनेता को 23 जून को लीलावती अस्पताल में दोबारा भर्ती कराया गया था. तब उन्हें दो हफ्ते बाद अस्पताल से छुट्टी मिली थी. कमजोरी की शिकायत के कारण उन्हें शनिवार को लीलावती अस्पताल में तीसरी बार भर्ती कराया गया. लेकिन मंगलवार का डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी थी. 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जन्मे राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना है.

1966 में उन्होंने पहली बार 24 साल की उम्र में आखिरी खत नामक फिल्म में काम किया था.
इसके बाद राज, बहारों के सपने, औरत के रूप जैसी कई फिल्में उन्होंने की. लेकिन उन्हें असली कामयाबी 1969 में आराधना से मिली. एक के बाद एक 14 सुपरहिट फिल्में देकर उन्होंने हिंदी फिल्मों के पहले सुपरस्टार का तमगा अपने नाम किया. 1971 में राजेश खन्ना ने कटी पतंग, आनंद, आन मिलो सजना, महबूब की मेंहदी, हाथी मेरे साथी, अंदाज नामक फिल्मों से अपनी कामयाबी का परचम लहराये रखा. बाद के दिनों में दो रास्ते, दुश्मन, बावर्ची, मेरे जीवन साथी, जोरू का गुलाम, अनुराग, दाग, नमक हराम, हमशक्ल जैसी फिल्में भी कामयाब रहीं.राजेश खन्ना ने डिंपल से 1973 में शादी की थी और 1984 में वो अलग हो गए थे. राजेश खन्ना ने 90 के दशक में राजनीति में प्रवेश किया. 1991 में वे नई दिल्ली से कांग्रेस की टिकट पर संसद सदस्य चुने गये. 1994 में उन्होंने एक बार फिर खुदाई फिल्म से परदे पर पर अपनी दूसरी पारी शुरू की. आ अब लौट चलें, क्या दिल ने कहा, जाना, वफा जैसी फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया लेकिन इन फिल्मों को कोई खास सफलता नहीं मिली.

खून से लेटर लिखा करती थीं लड़कियां
किसी जमाने में करोडों जवां दिलों की धड़कन रहे हिन्दी फिल्मों के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना ने अभिनय के अलावा फिल्म निर्माता और नेता के रूप में भी लोकप्रियता हासिल कीं. वह बॉलीवुड के पहले ऐसे अभिनेता थे जिन्हें देखने के लिए लोगों की कतारें लग जाती थीं और युवतियां अपने खून से उन्हें पत्र लिखा करती थीं. राजेश खन्ना ने कुल 163 फिल्मों में काम किया जिनमें 106 फिल्मों में वह नायक रहे और 22 फिल्मों में उन्होंने सहनायक की भूमिका अदा की. इसके अलावा उन्होंने 17 लघु फिल्मों में भी काम किया.

आनंद मरा नहीं आनंद मरते नहीं
बाबू मोशाय, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन कब कहां उठेगा, कोई नहीं जानता. जिंदादिली की नई परिभाषा गढऩे वाला हिन्दी सिनेमा का आनंद अब नहीं रहा लेकिन आनंद मरा नहीं, आनंद मरते नहीं. राजेश खन्ना का जब भी जिक्र होगा, आनंद के बिना अधूरा रहेगा. ऋषिकेश मुखर्जी की इस क्लासिक फिल्म में कैंसर (लिम्फोसकोर्मा ऑफ इंटेस्टाइन) पीडि़त किरदार को जिस ढंग से उन्होंने जिया, वह भावी पीढ़ी के कलाकारों के लिए एक नजीर बन गया.

शोक की लहर
काका के निधन की खबर फैलते ही सैंकड़ों की संख्या में उनके प्रशंसक उनके बांद्रा में कार्टर रोड स्थित उनके घर ”आशीर्वाद” के बाहर एकत्र हो गए. पीएमओ : राजेश खन्ना के निधन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दुख व्यक्त किया. नरेंद्र मोदी : राजेश खन्ना जी लोगों के दिलों पर राज करते थे, वे महान व्यक्ति थे. उनके आत्मा को शांति मिले!

स्मृति ईरानी : आरआईपी राजेश खन्ना…गुड बाय!

कैलाश खेर : हमारे पिता की पीढ़ी के सुपर स्टार इस दुनिया से चले गए. वे इस दुनिया के बाहर भी सुपरस्टार पुकारे जाएंगे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे!

सुभाष घई : राजेश खन्ना के निधन से मुझे गहरा आधात लगा है, वे इस उम्र में मानसिक रूप से बहुत मजबूत थे.

आशा पारेख : अभिनेता के रुप में वे सबसे महान थे. अब वे हमारे बीच नहीं हैं. हम लोगों के लिए दुख की घड़ी है.

आशा भोसले : उनके करोड़ों फैंस थे. वे जमीन से जुड़े इंसान थे. मुझे आज भी याद है, लड़कियां ही नहीं शादी शुदा महिलाएं भी काका को खून से खत लिखती थीं.

मौसमी चटर्जी : राजेश खन्ना ने अपने ही फेमस डायलॉग जिंदगी बड़ी होनी चाहिए…लंबी नहीं को चरितार्थ किया. मुझे यह विश्वास करने में कुछ समय लगेगा कि काका अब जिंदा नहीं है.

हेमा मालिनी : मुझे राजेश खन्ना से साथ काम करने की कुछ यादें आज भी ताजी हैं. आज हर किसी के लिए दुख का दिन है. अंदाज, प्रेमनगर इन दो फिल्मों में काका से साथ काम किया. काका निधन हिंदी फिल्म उद्योग के लिए बहुत बड़ी क्षति है.


Monday, July 16, 2012

महंगाई से बचने के लिए करते हैं डाइटिंग

कई बार बातों ही बातों में हम किसी गंभीर सवाल का भी मजाकिया जवाब देकर माहौल को खुशनुमा बना देते हैं. कई बार ऐसा करना लोगों को अच्छा लगता है, तो कई बार यह आदत भी बन जाती है. अगर आपको सवाल का जवाब आता है, तो ठीक और यदि आप बाल की खाल निकालने में हैं माहिर, तो और भी अच्छा.

आइवीएफ तकनीक से क्या समझते हैं?

आइवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन. नि:संतान दंपतियों के लिए इस तकनीक को एक वरदान के रूप में देखा जा रहा है. इस तकनीक के जरिए महिला में कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है. इस महत्वपूर्ण तकनीक की खोज रॉबर्ट एडवर्डस ने की थी, जिसके लिए उन्हें चिकित्सा विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. इससे जन्मे पहले बच्चे का नाम लुईस ब्राउन था, जिसका जन्म 25 जुलाई, 1978 को मैनचेस्टर में हुआ था.

आम बोलचाल की भाषा में आइवीएफ से जन्मे बच्चों को टेस्ट ट्यूब कहा जाता है.

रिकॉर्ड के मुताबिक पूरे देश में फिलहाल आइवीएफ के 400-500 के बीच क्लिनिक्स हैं और इनमें हर साल एक लाख दंपति आते हैं. आइवीएफ के लिए हेल्दी स्पर्म और एग डोनर्स की जरूरत होती है. हालांकि इस तकनीक से स्वस्थ बच्चे के जन्म को लेकर सवाल भी खड़े होते रहे हैं, लेकिन हाल के कुछ वर्षो में इसमें कई सुधार भी हुए हैं.

पिछले साल यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के वैज्ञानिकों की टीम ने एक नया सफल प्रयोग किया है, जिसमें बताया गया कि अब स्वस्थ बच्चे की मां बनने की संभावना कहीं ज्यादा हो गयी है. अब इस नयी तकनीक के जरिए बच्चा पाने के इच्छुक दंपती स्वस्थ भ्रूण का चयन कर सकेंगे. प्रत्येक दंपती के लिए आइवीएफ प्रयोगशाला में आठ से दस भ्रूण विकसित किए जाते हैं. उसके बाद भ्रूण द्वारा ग्लूकोज अवशोषण के आधार पर इनमें से एक भ्रूण का चयन कर महिला के गर्भाशय में स्थांतरित कर दिया जाता है. आइवीएफ तकनीक से बच्चे के जन्म पर दो लाख रुपये से अधिक का खर्च आ सकता है.


और ये रहे इसी सवाल पर आपके मजेदार जवाब

आइवीएफ का अर्थ है- इंस्टीट्यूट ऑफ वेरी फीस. इसके तहत संस्थानों में दाखिले के नाम पर मोटे डोनेशन वसूले जाते हैं.
मोमिना, जमशेदपुर

इस तकनीक से जनसंख्या नियंत्रित की जाती है.
अंकित, रांची

इवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का नया वजर्न है आइवीएफ, जिससे फर्जी वोटों को पकड़ा जाता है.

मोनू, गया

डाइटिंग क्यों करते हैं?

आपने कई लोगों को अपना वजन कम करने के लिए डाइटिंग करते देखा या सुना होगा. यानी मोटापा कम करने के लिए अपने आहार को कम कर देना. डाइटिंग को लेकर सभी के अपने-अपने राय हो सकते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो खाना कम खाने से वजन नहीं घटता. आप क्या खाते हैं, यह बात आपके वजन को घटाने और बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती है.

अमेरिका के हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के विशेषज्ञों का इस बारे में कहना है कि सिर्फ कैलोरी पर ध्यान देने से कोई स्लिम नहीं हो जाता. सही वजन कायम रखने के लिए पौष्टिक और उच्च गुणवत्ता का भोजन करना चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि वजन कोई एक दिन में नहीं बढ़ता, बल्कि इसे बढ़ने में कई साल लगते हैं.


हममें से ज्यादातर लोग शरीर में बढ़ी हुई चर्बी को कम करने के लिए केवल एक उपाय जानते हैं और वह है डाइटिंग करना. उन्हें लगता है कि जिस तरह अनाप-सनाप खाने-पीने से चर्बी बढ़ जाती है, उस के विपरीत खाना-पीना छोड़ दें तो चर्बी कम भी हो जायेगी. लेकिन विशेषज्ञों की राय में भूखा रहने से शरीर को मिलनेवाली ऊर्जा की सप्लाई बंद हो जाती है.

यह भी उतना ही खतरनाक है, जितना जरूरत से ज्यादा अनावश्यक चर्बी का बढ़ना. डॉक्टरों की राय में वजन कम करने के लिए बेहतर है संतुलित आहार लेना और व्यायाम की आदत डालना. आहार में दूध, फल-सब्जियों को शामिल करना और ज्यादा-से-ज्यादा पानी पीना बेहतर है.
और ये रहे इसी सवाल पर आपके मजेदार जवाब

कमरतोड़ महंगाई से बचने के लिए हमें डाइटिंग करना पड़ता है.

हिमांशु शेखर (गया), मनिषा (मीरगंज), संजीव (मुजफ्फरपुर)

फाइटिंग से पहले डाइटिंग बेहद जरूरी प्रक्रिया है, जिससे दुश्मनों को हराया जाता है.

योगेश कुमार, भागलपुर

तितलियों के लिए त्रासदी वर्ष

नमीयुक्त ग्रीष्म ऋतु का प्रभाव किस हद तक पड़ सकता है? क्या आपने कभी इस बात का अंदाजा लगया है? वैज्ञानिकों के मुताबिक, 2012 इसी तरह का एक वर्ष है.

इंसानों के लिए न सही, लेकिन तितलियों के लिए यह बहुत बुरा साबित होने वाला है. उनका कहना है कि 36 वर्षो के बाद ऐसा होगा, जब 2012 में नमीयुक्त ग्रीष्मकालीन ऋतु की वजह से तितलियों की आबादी बुरी तरह प्रभावित होगी. बटरफ्लाई संरक्षण संस्था के प्रमुख के मुताबिक, नमीयुक्त मौसम के कारण तितलियों की कई प्रजातियां पहले ही खत्म हो चुकी हैं. उनका कहना है कि इस तरह के मौसम तितलियों के प्रजनन, उन्हें उड़ने और अंडा देने से रोकता है.

इसका असर उनकी आबादी वृद्धि पर पड़ता है. 2007 में व्यापक बाढ़ के कारण भी उन्हें काफी नुकसान हुआ था. गौरतलब है कि इस साल के अप्रैल महीने को सदी का सबसे नमीयुक्त महीना माना गया. यही वह महीना होता है जब नर और मादा तितलियां एक साथ रहते हैं. यह उनेक प्रजनन के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण होता है. इसी दौरान उन्हें भोजन, नर तितली और अंडे देने के लिए जगह की तलाश के लिए निकलना पड़ता है.

लेकिन, नमीयुक्त वातावरण होने के कारण वे पूरा महीना पत्तियों के बीच छिपी रहती हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि बात सिर्फ इसी साल की नहीं है. अगले वर्ष भी उनकी कई प्रजातियां खत्म हो सकती हैं, क्योंकि उनकी उड़ान अवधि के दौरान वर्षा कम हो रही है. यही अवधि उनके प्रजनन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होती है. एक आंकड़े के मुताबिक, साल 2010 की अपेक्षा 2011 में लगभग 11 फीसदी तितलियों की संख्या में कमी आयी है, जो कि चिंता की बात है.

पसंद हैं पौराणिक किरदार डिंपी महाजन

डिंपी महाजन मॉडलिंग से कहानी चंद्रकांता की तक के सफर के बार े में बताएं? -यह यात्रा बड़ी रो


चक रही है। कोलकाता से मुंबई आने तक कई मुश्किलें भी आईं। राहुल महाजन से शादी के बाद हमारे


रिश्ते में कुछ कड़वाहट भी आई। इसके बावजूद मैं हिम्मत नहीं हारी। मुङो मेरी मेहनत का फल कहानी चंद्रकांता की में नागिन ज्वाला की भूमिका को पाकर मिल गया। हालांकि इच्छाधारी नागिन का किरदार एक पौराणिक कथा से प्रेरित है, लेकिन वर्तमान समय में भी इस किरदार को दर्शक पसंद करेंगे।

कहानी चंद्रकांता की की मौजूदा कहानी के बारे में बताएं? -पहले यह फैंटेसी कॉस्ट्यूम ड्रामा था, लेकिन कहानी में नया ट्विस्ट आने के बाद इसमें इच्छाधारी नाग-नागिन के प्रसंग डाल दिए गए हैं। इससे कहानी में एक नया रंग आ गया है। कहानी का ताना-बाना नागिन ज्वाला और डाकू मंगल सिंह के इर्द-गिर्द बुना गया है।

नागिन ज्वाला की भूमिका के बारे में क्या कहेंगी? -सहारा-वन टेलीविजन की ओर से मुङो यह दमदार भूमिका मिली है। इससे मैं बेहद उत्साहित हूं। बचपन में इच्छाधारी नाग-नागिन के प्रसंग वाली कई पौराणिक कथाएं सुनने को मिलीं और कई शो भी देखे। कलाकारों के कास्ट्यूम देखकर मन में इस तरह की भूमिकाएं करने की इच्छा भी होती थी। इस शो का हिस्सा बनकर बेहद खुश हूं, कोशिश करूंगी कि मैं अपना शत-प्रतिशत दूं। क्या आपको लगता है कि कहानी चंद्रकांता की दर्शकों में अपनी छाप छोड़ेगा? -आज के दर्शक ज्यादा डिमांडिंग हैं। वे टीवी पर दमदार शो देखना चाहते हैं। इच्छाधारी नाग-नागिन के प्रसंग जुड़ने के बाद यह शो दर्शकों की कसौटी पर खरा उतरेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। सुनील अग्निहोत्री के निर्देशन का तरीका कैसा लगा? -वह एक संवेदनशील और मीठे स्वभाव के इंसान हैं। एक निर्देशक के रूप में उनके काम में परिपक्वता नजर आती है। उनका प्रोडक्शन स्तर भी अच्छा है। हम सभी कलाकार उनका सपोर्ट सिस्टम हैं। टीवी पर आपको किस तरह के पात्र पसंद हैं? -मैं उस तरह के किरदार करना चाहूंगी, जो कहानी का अंतरंग हिस्सा हो और जिनमें भावनात्मक रंग भी हों। अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में कुछ बताएं? -फिलहाल मेरे लिए कहानी चंद्रकाता की अहम है। इस शो के लिए मेहनत से काम करना है। इसमें अपने चयन की सार्थकता साबित करना है। - जे. संजीव कोलकाता में जन्मी एवं मॉडलिंग के जरिए एक्टिंग तक का सफर तय करने वाली बंगाली बाला सोमासरी गांगुली को लोग भले नहीं पहचानते हों, लेकिन प्रमोद महाजन के पुत्र राहुल महाजन की दुल्हनिया डिंपी महाजन को लोग जरूर पहचानते होंगे। इमेजिन टीवी के रियलिटी शो राहुल दुल्हनियां ले जाएगा के जरिए ही तो राहुल ने डिंपी से स्वयंवर रचा कर टेलीविजन के इतिहास में धमाका किया था। इससे पहले वह 2009 में आयोजत ग्लेडरैग्स मेगा मॉडल मैनहंट के ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भी हिस्सा ले चुकी थीं। रियलिटी शो जोर का झटका में भी उन्होंने शिरकत की थी। एक ब्रेक के बाद डिंपी निमार्ता-निर्देशक सुनील अग्निहोत्री और सहारा-वन टेलीविजन के फिक्शन शो कहानी चंद्रकांता की में इच्छाधारी नागिन ज्वाला की भूमिका अपने हिस्से में करके फिर से सुर्खियों में आ गई हैं। इस सीरियल में उनके किरदार एवं अन्य पहलुओं पर डिंपी से बातचीत के अंश : मुङो मेरी मेहनत का फल कहानी चंद्रकांता की में नागिन ज्वाला की भूमिका को पाकर मिल गया। हालांकि इच्छाधारी नागिन का किरदार एक पौराणिक कथा से प्रेरित है, लेकिन वर्तमान समय में भी इस किरदार को दर्शक पसंद करेंगे।

Sunday, July 15, 2012

लाइफबुक बना फेसबुकः अच्छे अनुभव के लिए इन दस चीजों से रहे दूर

फेसबुक परवेजऔरनॉनवेजअकाउंट का चला खास प्रचलन

वैसे तो सिटी के यूथ फेसबुक पर खुद को बिंदास एक्सप्रेस करते हैं, लेकिन जैसे ही शादी की बात चलती है एफबी अकाउंट से सारा ‘नॉनवेज’ कॉन्टेंट रिमूव कर देते हैं।कई का दूसरा अकाउंट भी होता है जो एफबी पर इनका ‘वेज’ फेस दिखाता है।

दोस्तों के साथ गपशप, शेयरिंग मोमेंट, फोटो, वीडियो, बिंदास चैटिंग और कमेंट्स करना यानी सोशल नेटवर्किग। वेज-नॉनवेज हर तरह की बातें। सोशल नेटवर्किग साइट्स परअब सबकी नजर रहती है, सभी सारी बातें जान जाते हैं, इस कारण यंगस्टर्स फेसबुक पर अपनी दो प्रोफाइल्स बना रहे हैं। एक दोस्तों के लिए ओपन और दूसरी फैमिली, खास फ्रेंड्सके लिए हिडन। एक पर वे सोशली एक्सेप्टेबल बिल्कुल अच्छी इमेज के साथ रहते हैं। फोटो, वीडियो और कमेंट्स लिखते समय अवेयर रहते हैं। दूसरी प्रोफाइल दोस्तों के लिए।

इस पर सब कुछ ओपन बिंदास। खासबात यह है कि दूसरी प्रोफाइल शादी की बातचीत के दौरान और इंगेजमेंट के बाद डिलीट या हिडन हो जाती है या फिर वेज प्रोफाइल में तब्दीलहो जाती हैं। क्योंकि लड़के या लड़की के पैरेंट्स भी इन दिनों अपने बच्चों के होनेवाले लाइफ पार्टनर के बारे में जानने के लिए फेसबुक का सहारा ले रहे हैं।

एफबी पर दो प्रोफाइल्स के जरिए प्रेजेंस का सबसे बड़ा कारण आधुनिक दिखते हुए भी समाज के लिए पारंपरिक बने रहना है। इससे सबसे ज्यादा मिडिल क्लास प्रभावित हो रहा है।सिटी की मॉडल स्मिता गर्ग कुछ ऐसे लोगों में से हैं जिन्होंने दो फेसबुक प्रोफाइल बना रखी हैं। एक पर फ्रेंड्स और उनके प्रोफेशन से जुड़े लोग हैं, जबकि दूसरे पर सिर्फ फैमिली मेंबर्सऔर उनसे संबंधित फ्रेंड्स। वे कहती हैं, ‘मैं मिडिल क्लास फैमिली से हूं। हमारी सोसायटी के लोगों को अब भी मॉडलिंग, एक्टिंग पसंद नहीं करते।

अगर मैं फैमिली वाली प्रोफाइल पर मॉडलिंग के फोटो डाल दूं तो काफी दिक्कत होगी। इस कारण मैंने दो प्रोफाइल बनाए हैं। मॉडलिंग में करियर बना रहे स्टूडेंट अशफाक ने बतायाकि उनके ज्यादातर फ्रेंड्स इसी फील्ड के हैं। वो अपने प्रोफाइल पर नॉनवेज फोटो और वीडियो शेयर करते हैं। उन्होंने कहा, पहले डर रहता था कि कोई परिचित या फैमिली मेंबर नदेख ले। इसलिए मैंने एक वेज प्रोफाइल भी बनाई। इसमें सिलेक्टेड फ्रेंड्स और फैमिली को रखा, अब कोई टेंशन नहीं है।

कैसे-कैसे

- स्वाति दीवान बताती हैं कि थोड़े समय पहले मम्मी-पापा ने मेरे लिए एक लड़का पसंद किया था। एक दो बार बात होने के बाद हम एफबी फ्रेंड बन गए। मैंनेउसकी प्रोफाइल में उसके ड्रिंक करते हुए फोटोज देखे। पूछने पर उसने कभी-कभी ड्रिंक करने की बात कबूली। मैंने पैरेंट्स से ड्रिंक करनेवाले लड़के से शादी करने से मना कर दिया।

- शीला जैन कहती हैं कि बेटा पढ़ने के लिए पुणो गया। वो घर आया तो उसने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में बताया। मैंने भी राहुल (बेटा) की फ्रेंड लिस्ट में उसलड़की की प्रोफाइल देखकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। उसने रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया। मैंने देखा कि उसकी प्रोफाइल में फोटोग्राफ्स में उसने बड़े ही बेहूदा कपड़े पहने हुए हैं। मैंनेतुरंत बेटे को फोन किया और समझाया कि ऐसा नहीं चलेगा। मुझे इस तरह के कपड़े पहनने वाली बहू नहीं चाहिए।

- फेसबुक के कारण मेरे ब्वॉयफ्रेंड जो कि अब मेरे पति हैं उनसे बहुत झगड़ा हो गया था। उन्होंने मेरे फेसबुक अकाउंट पर एक कमेंट पढ़ा, स्वीटी बहुत स्वीट लग रही हो। यह मेरानिक नेम है। बस फिर क्या था, वो गुस्से से आगबबूला हो गए। मैंने कहा दोस्त है, उसने वॉल पर लिख दिया, तो इसमें मेरी क्या गलती है। उन्होंने मुझसे कहा उसे पोस्ट करों किदुबारा कभी कोई क़ॉन्टैक्ट न रखें। मुझे लगा कई दोस्त हैं, किसी ने दुबारा ऐसा लिखा तो फिर झगड़ा होगा, इससे अच्छा है कि एकाउंट से डिस्कनेक्ट ही हो जाऊं। इसके बाद मैंनेदूसरा एकाउंट बनाया जिस पर फैमिली और सलेक्टेड फ्रेंड्स हैं।

प्रीति दुबे सॉफ्टवेयर इंजीनियर (परिवर्तित नाम)

- दिव्या माहेश्वरी (परिवर्तित नाम) कहती हैं कि हमने मेट्रिमोनियल साइट्स के जरिए बेटे के लिए एक लड़की पसंद की। उसके पैरेंट्स से बात भी हुई। उन दोनों कोआपस में मिलवाने की बातचीत चल रही थी। एक दिन मेरी छोटी बेटी ने मुझसे कहा कि आप जिसे बहू बना रही हैं, शी इज एन ओकेजनल ड्रिंकर। मैंने पूछा तुम्हें किसने बताया तोउसने फेसबुक प्रोफाइल दिखाई, जिसमें उस लड़की ने अपने आप को ओकेजनल ड्रिंकर बताया था। फिर हमने बात आगे नहीं बढ़ाई।

फैमिली, सोसायटी का डर

दो-दो एफबी प्रोफाइल पर समाजशास्त्री ज्ञानेंद्र गौतम कहते हैं कि हम वेस्टर्नाइज हो रहे हैं। कपड़ों, एसेसरीज से मॉडर्न हो रहे हैं, लेकिन सोच मैच्योर नहीं हुई। हम ढोंग का चोला ओढ़ेरहते हैं। समाज में हम दो चेहरों के साथ हैं जो हमारे चरित्र का हिस्सा भी बन गया है। यंगस्टर्स और दूसरे लोग इसी तरह दो प्रोफाइल बनाकर दो तरह के चेहरों के साथ सोशलनेटवर्किग करते हैं। परिवार और समाज का डर इसका मुख्य कारण है। दोस्तों के बीच शान और सोसायटी में दिखावे के लिए हम प्रोफाइल पर सबकुछ डाल देते हैं जो अनैतिक है।


फेसबुक के लाइफबुक बनने की वजह से लोग अक्सर भूल जाते हैं कि सोशल नेटवर्किंग जैसे मंच पर क्या दिया जाना चाहिए और क्या नहीं। हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि जो चीजें निजी दायरे में अच्छी लगती हैं, उन्हें फेसबुक पर डालना आपको हंसी का पात्र बना सकता है। आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है। कुछ ऐसी चीजें हैं , जिन्हें फेसबुक पर करने से बचना चाहिए। जरा गौर कीजिएः
1. खाना खाते वक्त की तस्वीरें- नाश्ता करते और खाना खाते वक्त की तस्वीरें फेसबुक के लिए नहीं हैं। अगर आपको खाना खाते वक्त की तस्वीरें एफबी पर डालने की जरूरत महसूस हो तो ध्यान रखिए कि वे चुटीली, दिलचस्प और कुछ जानकारी देनी वाली होनी चाहिए।
2. मत बदलिए रिलेशनशिप स्टेटस बार-बार- अगर आप किसी को पसंद करते हैं और उसे इंप्रेस करने के लिए रिलेशनशिप स्टेटस बार-बार बदल रहे हैं, तो यह सही नहीं है। ऐसा करने से फेसबुक पर आपको जानने वाले सैकड़ों लोगों के मन में आपकी गलत छवि बनेगी।
3. जूते-चप्पलों की तस्वीरें- दोस्तों के साथ जूते चप्पल या पैरों की तस्वीरें लेना भद्दा लगता है। कई बार हमारे जूते चप्पलों की स्थिति हमें हास्यास्पद बना देती है।
4.हैरान करने वाले मैसेज- हर आम बात को लेकर दूसरों को हैरान परेशान करने वाले मैसेज भेजना सही नहीं है। ऐसा बार बार करने से आपकी विश्वसनीयता को धक्का लगता है।
5.स्माइली से शोक न जताएं- गमी के मौके पर दुख जताने वाले स्माइली (इमोटीकॉन) का इस्तेमाल न करें। इसे संवेदनहीनता का सूचक माना जा सकता है।
6. इंटरनेट स्लैंग का ज्यादा इस्तेमाल नहीं- LOL और ASAP जैसे नेट स्लैंग का ज्यादा इस्तेमाल न करें। ऐसा करने पर आपके दोस्त आपके पोस्ट और कमेंट हटा सकते हैं।
7. ज्यादा तस्वीरें सही नहीं- फेसबुक पर जरूरत से ज्यादा फोटो पोस्ट करने से लोग आपको आत्ममुग्धता का शिकार मान सकते हैं।
8. व्यक्तिगत डायरी न बनाएं-फेसबुक पर कोई भी सीक्रेट और कन्फेशन पोस्ट करने से पहले सौ बार सोचें। हालांकि आप इन्हें बाद में डिलीट कर सकते हैं, लेकिन याद रखिए, मुंह से निकले शब्द वापस नहीं आते।
9. खुद को बढ़ा-चढ़ा कर न पेश करें-कई बार बड़े बड़े दावे फेसबुक पर आपको अपमान का सामना करने पर मजबूर कर सकते हैं। मुझे पता है कि आपमें में से ज्यादातर लोग इसे रीपोस्ट नहीं करेंगे लेकिन मेरे दोस्त मेरा साथ जरूर देंगे। इस तरह के कमेंट भारी पड़ सकते हैं।
10. शीशे के सामने खड़ी तस्वीरें पोस्ट करना-आप भले खुद को कितना भी पसंद करें, लेकिन शीशे के सामने खड़े होकर सेलफोन से खींची गई तस्वीरें फेसबुक पर डालना सही नहीं है।


Sunday, July 8, 2012

घर बैठे पायें यूपी पर्यटक स्थलों की जानकारी

लखनऊ। अब प्रदेश के पर्यटन स्थलों की जानकारी के लिए न को पर्यटन कार्यालय जाना होगा और न ही घंटों कम्प्यूटर पर वेबसाइट सर्च करनी होगी। पर्यटकों को अब बस एक फोन लगाना होगा और उन्हें समस्त जानकारी मिल सकेगी। विभाग ने एक हेल्प लाइन शुरू की है जिसके जरिए यूपी के पर्यटन स्थलों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जायेगी।

अभी तक पर्यटकों को पर्यटन स्थलों, होटलों व अन्य जानकारी के लिए पर्यटन कार्यालय जाना पड़ता था। वहीं देश-विदेश से आये सैलानियों को यदि कोई दिक्कत होती थी या अन्य जानकारी लेनी थी तो वह मिल नहीं पाती थी। विभाग ने इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लखनऊ से 0522-3303030 न बर पर हेल्पलाइन शुरू की है, इसके जरिए सैलानी पर्यटन से जुड़ी समस्त जानकारी ले सकते हैं।

जैसे की कौन से पर्यटन स्थल पर किस मौसम में जाना उचित होगा। होटलों की स्थिति, धार्मिक पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक पर्यटन स्थल व पैकेज टूर आदि। वहीं कुछ समय पहले विभाग ने विंध्य व उसके आस-पास के दर्शनीय स्थलों के कायाकल्प से साथ ही इसकी वेबसाइट शुरू की है। इस वेबसाइट के जरिए पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत नजारा, कैमूर वन्य जीव विहार व रिहंद जलाशय और यहां का विश्व प्रसिद्घ कजली संगीत पर मजा घर बैठे ले सकेंगे। यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टिï से काफी महत्वपूर्ण है।

इसको ध्यान में रखते हुए विभाग इसे विकसित करने की तैयारी कर रहा है। यहां प्रागैतिाहासिक काल के धरोहर, विडंमफाल, लखनियादरी, सिद्घ की दरी, टांडा फाल, कुशियरा फाल, मुक्खाफाल जैसे प्राकृतिक कई स्थल हैं। वहीं रहस्यमयी व रोमांच का भी संगम यहां देखने को मिलता है। यही वह जगह है जहां चंद्रकांता का चुनारगढ़ का किला व शिलालेश स्त भ भी मौजूद है। धर्मिक दृष्टिï से अधिष्ठïात्री देवी मां विंध्वासिनी देवी भी यही विराजमान है।

पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक लाखों की सं या में धार्मिक पर्यटन मां विंध्वासिनी के दर्शन करने यहां आते हैं। इन क्षेत्रों के बारे में अधिक जानकारी न हो पाने के कारण वह यहां के रमणीय स्थलों की सैर नहीं कर पाते हैं। अब इस वेबसाइट के बनने के बाद लोगों को पहले से ही इन स्थलों के बारे में जानकारी हो जायेगी। वेबसाइट में मिर्जापुर व सोनभ्रद के सभी ऐतिहासिक, प्राकृतिक व धार्मिक स्थलों के अलावा यहां के लोक संगीत को भी शामिल किया गया है।

Saturday, July 7, 2012

जश्न में डूबे भाजपाई



लखनऊ। महापौर के पद पर भाजपा उम्मीदवार डा.दिनेश शर्मा की जीत से भाजपा कार्यकर्ता जश्न में डूब गए। कार्यकर्ताओं ने जमकर मिठाई बांटने के साथ के साथ आतिशबाजी की। डा.शर्मा ने जीत के बाद हजरतगंज स्थित हनुमान मंदिर में शीश झुकाकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने ऐशबाग स्थित घर जाकर मां का भी आशीर्वाद लिया। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से मायूस कार्यकर्ताओं में शनिवार को महापौर पद के चुनाव परिणाम ने उत्साहभर दिया। शाम होते ही जैसे भाजपा उम्मीदवार डा.दिनेश शर्मा ने निर्णायक बढ़त ली तो भाजपा के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गयी। भाजपा के नगर महामंत्री राजीव मिश्र मिष्ठान वितरण की तैयारी में जुट

गये। भाजपा के उत्साही कार्यकर्ताओं ने परिणाम की घोषणा होते ही डा.शर्मा को फूल-मालाओं से लाद दिया। कार्यकर्ताओं ने चौक चौराहे की भव्य सजावट करायी। श्री पब्लिक बाल राम लीला समिति के गोविंद शर्मा, अनुराग मिश्र, ओम दीक्षित, डा.राम कुमार वर्मा ने चौक चौराहे पर लड्डू व मिष्ठान वितरण कराया। इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी हुई। भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर भी जश्न का माहौल रहा और खूब मिठाई बंटी। ऐशबाग इलाके में भी देर रात तक मिठाई बंटी। डा.शर्मा के पैतृक आवास पर भी जश्न का माहौल रहा और देर रात तक बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। काफी देर तक उत्साही कार्यकर्ता आतिशबाजी करते रहे। आतिशबाजी व मिठाई बांटकर मनायी जीत की खुशी|


Wednesday, July 4, 2012

क्या अखिलेश हैं उत्तरप्रदेश के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री?

धीरेन्द्र अस्थाना

अखिलेश ने फैसला किया था कि विधायक निधि के पैसे से राज्य के विधायक 20 लाख रुपये तक की गाड़ी खरीद सकेंगे. इस फैसले के बाद विधायक निधि के करीब सौ करोड़ रुपये गाड़ियों के खरीदने पर ही खर्च हो जाते, लेकिन विवाद इतना बढ़ा की अखिलेश को अपना फैसला वापस लेना पड़ा.

विधायक निधि में हर विधायक को करीब डेढ़ करोड़ रुपये मिलते हैं और ये रकम क्षेत्र में विकास कार्यों पर खर्च करने के लिए दी जाती है.बसपा ने इस पर कटाक्ष भी किया है, कि जिस तरह तुगलक ने 1327 ई. में अपनी मुर्खता के चलते देश की राजधानी को दिल्ली से दौलताबाद कर दिया और कुछ समय बाद पुनः दिल्ली को राजधानी बना दिया, ठीक उसी तरह अखिलेश भी अपने फैसलों से कुछ ऐसा ही व्यक्त कर रहे हैं|

अभी पिछले महीने की बात है अखिलेश यादव ने यूपी में बिजली की समस्या से राहत दिलाने के लिए शाम सात बजे से मॉल और बड़ी दुकानों को बंद करने का फैसला किया था, लेकिन चौतरफा विरोध के बाद चौबीस घंटे भी नहीं लगे और उसे वापस ले लिया.

ऐसे में सवाल यही है कि क्या क्या कमजोर मुख्यमंत्री हैं अखिलेश सिंह यादव ? फैसला लेकर वापस लेने की नौबत क्यों आ रही है ?
सरकार चलाते हुए सौ दिन से ज्यादा बीतने के बाद विरोधी अखिलेश को कमजोर मुख्यमंत्री तक कह रहे हैं लेकिन अखिलेश चाहते हैं कि उनके विवादित फैसलों पर कोई बहस न हो.
प्रदेश की जनता ने एक युवा को मुख्यमंत्री पद पर बेहद उम्मीदों के साथ बिठाया था, ऐसे में अगर बार-बार उनके पैसलों की वजह से उन पर उँगलियाँ उठ रही हैं तो सवाल उठाना लाजमी है| जिनमें से मुख्य सवाल हैं-
(1) ऐसे कौन से चापलूस अफसर हैं जो मुख्यमंत्री को इस तरह के फैसले लेने का सुझाव देते हैं?
(2) यदि पार्टी की किरकिरी कराने पर आमादा चापलूस अफसर मुख्यमंत्री को बेतुके फैसले लेने के सुझाव देते हैं तो उन्हें बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखा दिया जाता?
(3) क्या मुख्यमंत्री अपने विवेक से फैसले लेने में सक्षम नहीं हैं?
(4) मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया कोई भी फैसला 24 घंटे में क्यों बदल दिया जाता है?

Monday, July 2, 2012

डॉक्टरों व छात्रों ने माँगा हक़ मिली लाठियां


लखनऊ| अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे डॉक्टरों व छात्रों की पुलिस से हुई झड़प के बाद जमकर लाठीचार्ज व पथराव हुआ। लविवि के न्यू कैंपस व विधान भवन के समक्ष स्थित धरना स्थल पर हुए इन हंगामों के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए। वहीं विधान भवन के समक्ष डॉक्टरों ने जिस तरह महिला सिपाही शिवकुमारी को पीटा व उनसे अभद्रता की उसने डॉक्टरों की प्रतिष्ठा को धूमिल भी कर दिया। विधान भवन के सामने घंटों जाम लगा रहा। बाद में आरएएफ के पहुंचने पर हालात काबू में आ सके।
आयुर्वेदिक व यूनानी डॉक्टरों ने दो दिन पूर्व एलोपैथिक दवाएं लिखने का अधिकार दिए जाने की मांग को लेकर धरना दिया था। अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सोमवार सुबह करीब तीन हजार डॉक्टर धरना स्थल पर इकट्ठा हो गए थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे नमाज अदा करने के बाद सैकड़ों डॉक्टर अपनी मांग को लेकर सड़क पर आ गए। विधान भवन के समक्ष पहुंचकर कुछ डॉक्टरों ने हंगामा शुरू कर दिया व एक पुलिसकर्मी से मारपीट कर दी। इस पर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर डॉक्टरों को खदेड़ा। इस बीच कुछ डॉक्टरों ने विधान भवन गेट नंबर एक के पास तैनात महिला सिपाही शिवकुमार से मारपीट व अभद्रता की। इसके बाद घंटों हंगामा चलता रहा। डॉक्टरों ने एसएसआइ हजरतगंज दिनेश सिंह व दारोगा विपिन सिंह के साथ मारपीट कर उन्हें भी घायल कर दिया, जबकि 12 से अधिक डॉक्टर भी गंभीर रूप से चोटिल हुए। इनमें छह डॉक्टरों को सिविल अस्पताल ले जाया गया। इनमें से दो बिना सूचना दिए (लामा) कहीं चले गए। इधर, डॉक्टरों ने सड़क पर करीब 5:30 बजे नमाज पढ़ी। बाद में आरएएफ के पहुंचने पर डॉक्टरों को धरना स्थल के भीतर किया गया। एडीएम पूर्वी आरपी सिंह के मुताबिक डॉक्टरों ने शपथ पत्र देकर शांतिपूर्ण ढंग से धरना देने की बात कही थी, लेकिन डॉक्टरों ने धरना स्थल के गेट को धक्का देकर उसकी चेन तोड़ दी व सड़क पर आ गए। विधान भवन की दीवार से भीतर फांदने का प्रयास करने लगे। रोकने पर डॉक्टरों ने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दी। जाम लगाकर राहगीरों से भी अभद्रता की। दूसरी ओर सीतापुर रोड स्थित लविवि के न्यू कैंपस में सोमवार को एलएलबी व बीसीए की काउंसिलिंग हो रही थी। तभी करीब 11 बजे कुछ छात्र नेताओं ने पहचान पत्र व जीरो फीस के मुद्दे को लेकर काउंसिलिंग भवन गेट के पास नारेबाजी की व कुर्सियां तोड़ीं। पुलिस के पहुंचने पर हंगामा कर रहे छात्र भाग निकले, लेकिन करीब एक घंटे बाद करीब 70 छात्र वहां फिर पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। इस पर प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्य उनसे वार्ता करने पहुंचे, लेकिन छात्रों ने अभद्रता शुरू कर दी। एक पुलिसकर्मी के हस्तक्षेप करने पर छात्र उससे भिड़ गए। स्थिति बिगड़ती देख प्राक्टर ने छात्रों के हटाने के निर्देश दिए। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। छात्रों ने बचाव में पथराव किया। इसमें छह छात्र, एक पुलिसकर्मी व गार्ड घायल हो गया। वहीं भगदड़ मचने से काउंसिलिंग में आए कई अभिभावक भी घायल हो गए। घायलों को बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया। यहां भी छात्रों ने नारेबाजी की। जानकीपुरम पुलिस ने प्राक्टर की ओर से छात्र नेता अजीत यादव उर्फ सोनू, राहुल कुमार, विक्रेश प्रसाद, राहुल सिंह, वसीम अहमद, पिंटू, सूर्य प्रताप, उपेंद्र सिंह व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
धीरेन्द्र अस्थाना की लाइव रिपोर्ट

Saturday, June 30, 2012

अल्फाबेट से जानिए अपनी रोमांस स्टोरी


aए- यदि आपका नाम अँग्रेजी के अक्षर ए से शुरु होता है तो आप ज्यादा रोमांटिक नहीं हैं। पर आप कुछ भी कर गुजरने में विश्वास रखते हैं। आपका नजरिया हमेशा नफे नुकसान की ओर रहता है। जैसा आप देखते हैं वैसा ही आपको चाहिए। आपके पास फ्लर्ट करने का समय नहीं है। जब बात प्रेम की आती है तो आप का काम दबे-छिपे इशारों से नहीं बनता। शारीरिक आकर्षण आपके लिए महत्वपूर्ण है। आप अपने मनचाहे प्रीतम को पाने के लिए कड़ी चुनौती का सामना कर सकते हैं। आप आकर्षक और सेक्सी हैं।

bबी- आप बहुत संवेदनशील हैं। आपको रोमांस, पार्टी जैसी बातों में बहुत मज़ा आता है। आपको अपने प्रेमी/प्रेमिका से तोहफे लेना पसंद है। आप यह चाहते हैं कि कोई आपको महत्व दे और आप भी दूसरों को महत्व देना पसंद करते हैं। आप अपने मन की बात बताने में कठिनाई महसूस करते हैं और उसे अपने तक ही रखना पसंद करते हैं। आपको नए-नए अनुभव लेने में आनंद आता है। अगर थोड़ा भी आपका कैरेक्टर गड़बड़ हुआ तो आपके जैसा बदनाम इंसान कोई नहीं।

b

सी- आप बेहद सोशल हैं और आपके लिए कोई भी रिश्ता बड़े महत्व का है। आपको रिश्तों में गर्माहट और नजदीकियाँ पसंद हैं। आप सामाजिक रूप से सम्मान पाना चाहते हैं और इसके लिए हमेशा अच्छे दिखने का प्रयास करते हैं। आप अपने प्रेमी/प्रेमिका को दोस्त या अच्छे साथी के रूप में देखते हैं। आप सेक्सी और भावुक हैं और चाहते हैं कि कोई आपकी तारीफ हमेशा करता रहे।

b

डी- जब आप किसी चीज को पाना चाहते हैं तो उसे पाकर ही रहते हैं। और तन-मन से उसी में लगे रहते हैं। आप आसानी से हार मानने वालों में से नहीं हैं। आप दूसरों का ख्याल रखने में खुशी महसूस करते हैं। किसी की समस्या को आप अपनी समस्या मानकर उसे हल करने में जुट जाते हैं। आप बेहद सेक्सी, आकर्षक, वफादार और रिश्तों में पूरी तरह से जुड़ जाने वाले हैं। आप को कुछ अलग हटकर हमेशा पसंद आता है। आप कभी-कभी बेहद ईर्ष्यालु और स्वार्थी हो जाते हैं। आपको खुले दिल के लोग पसंद आते हैं।

b

ई- बातें करना आपकी कमजोरी है। यदि आपका प्रेमी/ प्रेमिका अच्छी तरह आपकी बात पर ध्यान नहीं देता तो आपका ‍रिश्ता ही खतरे में पड़ जाता है। किसी व्यक्ति की बुद्धिमत्ता आपको प्रभावित करती है। आपको विवादग्रस्त बातों में पड़ना अच्छा लगता है। आपको फ्लर्ट करने में बहुत मजा आता है आप इसे प्रेम से भी ज्यादा महत्व देते हैं। लेकिन जब आप एक बार दिल दे देते हैं तो उसके प्रति वफादार हो जाते हैं। यदि आपको अच्छा प्रेमी नहीं मिलता तो आप किताब पढ़ते हुए सोना पसंद करते हैं।

b

एफ- आप आदर्शवादी और रोमांटिक हैं। अपनी चाहत को महत्व देते हैं। आप हमेशा अच्छे से अच्छे साथी की तलाश में रहते हैं। आप फ्लर्ट हैं लेकिन अच्छा साथी पा लेते हैं तो फिर फ्लर्टिंग छोड़ देतें है। आप भावुक, सेक्सी और आकर्षक हैं। लोगों के बीच आप प्रदर्शन करने में विश्वास रखते हैं। आप जन्मजात रोमांटिक हैं। और नाटकीय बातों में खोए रहना आपका पसंदीदा शगल है। आप एक अच्छे प्रेमी साबित हो सकते हैं।

b

जी- आपको अपने कैरेक्टर से ज्यादा अपने मतलब का प्यार पसंद है। किसी भी व्यक्ति को अपने जाल में फँसाना कोई आपसे सीखे। आपको ऐसे साथी की तलाश रहती है जो आपके आर्थिक स्तर को बढ़ाए। वादा करके निभाने का ढोंग आप बखूबी रच लेते हैं। आप अपने 'गलत' यानी वैधानिक रूप से अमान्य प्यार के प्रति समर्पित रहते हैं।

b

एच- आप बेहद संकोची और संवेदनशील हैं। आप मन ही मन प्यार करने में यकीन करते हैं लेकिन खुलकर उसे स्वीकार करने में डरते हैं। आपको अपनी इज्जत और मान सम्मान से बहुत प्यार है। किसी एक चीज से बँधकर रहना आपको पसंद है। यदि आपको प्रेरणा मिले तो आप कोई भी काम कर सकते हैं। प्रेम में किसी का दिल दुखाना आपको पसंद नहीं और नहीं चाहते कि कोई आपका दिल दुखाए।

b

आई- आप प्रशंसा और प्यार के दीवाने हैं। आपको लक्जरी और संवेदनशीलता पसंद आती है। आपको सोच समझकर काम करने वाले लोग पसंद आते हैं। अपने प्रेमी में आप ये गुण देखना पसंद करते हैं। आपको नासमझ लोग पसंद नहीं लेकिन वह नासमझ आपसे सलाह माँगे तो आप उसे पसंद करने लगते हैं। आप संवेदनशील और सेक्सी हैं लेकिन कभी-कभी आप निराश महसूस करते हैं।

b

जे- आप हर तरह से लाजवाब हैं! बेहद खूबसूरत और बेहद ईमानदार। प्यार के मामले में थोडे चूजी और प्रोफेशनल। बहुत सोच-समझ कर निर्णय लेते हैं और अकसर आपका निर्णय सही निकलता है। अपनी भावनाओं को छुपाना बखूबी जानते हैं। लेकिन जब रोमांटिक होते हैं तो सारी कायनात आपके प्यार को देखकर अचंभित हो जाती है फिर आपके पार्टनर का घबराना कोई बड़ी बात नहीं।

b

के- आप बेहद रोमांटिक हो सकते हैं और प्यार में ग्लैमर पसंद करते हैं। पार्टनर का होना आपके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। आपको प्रेम के प्रदर्शन में कोई संकोच नहीं है आप हमेशा बाजी खेलने को तैयार रहते हैं। नए पार्टनर्स के साथ संबंधों में आप सकुचाते नहीं। पर आपको बुद्धिमान लोग भाते हैं। यदि आपका पार्टनर समझदार नहीं है तो आप उसके साथ अधिक समय तक नहीं निभा सकते।

एल- आप बेहद रोमांटिक हैं पर यह भी सोचते हैं कि प्यार तकलीफ ही देता है। आपको किसी तकलीफ में पड़े व्यक्ति से सहानुभूति होती है जो प्यार में बदल जाती है। अपने प्रेमी को मुसीबत से उबारने में आप सुकून महसूस करते हैं। आप गंभीर, आकर्षक और सपने देखने वाले हैं। आप अपने आपको कल्पना से बहलाए रखना पसंद करते हैं। आपकी काल्पनिक दुनिया फिल्मों से प्रेरित होती है। आप इस दुनिया के बारे में किसी को नहीं बताते, अपने साथी को भी नहीं।

एम- आप भावुक और गहरे डूबे हुए व्यक्ति हैं। जब आप रिश्ते में पड़ते हैं तो उससे पूरी तरह जुड़ जाते हैं। फिर आपको कोई नहीं रोक सकता। आपको ऐसे ही साथ की तलाश रहती है जो आपको इसी तरह टूटकर प्यार करे। आप हर काम में हाथ डालकर अपने आपको आजमाना पसंद करते हैं। आप सामाजिक व संवेदनशील हैं। कभी-कभी आपको फ्लर्ट करना अच्छा लगता है और प्रेमी की देखभाल एक बुजुर्ग की तरह करते हैं।

एन- आपको प्रेरणा की लगातार जरूरत है क्योंकि आप बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं। आप एक साथ कई संबंधों को निभाने में सक्षम हैं। पूरी आजादी में आपका विश्वास है। वैसे तो आप संवेदनशील और आकर्षक हैं लेकिन दुनिया के सामने अपना प्रदर्शन करने में पीछे नहीं रहते हैं। नाटकीय तरीके से प्रेम करने में आपको बहुत आनंद आता है। लेकिन आपको प्यार बहुत हाथ-पैर मारने के बाद ही मिलता है।

ओ- आप बहुत शर्मीले लगते हैं लेकिन प्यार संबंधी बातों में आप छुपे रुस्तम हैं। आप अपनी इस ऊर्जा का उपयोग पैसे कमाने में और पद प्राप्त करने में पसंद करते हैं। आपके पास प्रेम संबंधी कई अवसर आएँगे। आप आकर्षक, डूबकर प्यार करने वाले हैं और अपने साथी में भी यही बात चाहते हैं। आपके लिए प्रेम एक गहरी भावना है और हर किसी से नहीं हो सकता। लेकिन आपको कोई बाँधकर रखे यह आपको मंजूर नहीं।

पी- आपको समाज का बहुत ख्याल रहता है। आप ऐसा कोई काम करना पसंद नहीं करते जो आपकी छवि को नुकसान पहुँचाए। आपके लिए बाहरी सुंदरता बहुत मायने रखती है इसलिए आपको सुंदर साथी की तलाश है। बुद्धिमान लोग भी आपको आकर्षित करते हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि आप अपने साथी को ही अपना शत्रु समझते हैं और प्यार के दौरान लड़ना-झगड़ना भी चलता रहता है। आपको चोरी छुपे फ्लर्ट करने में भी बहुत मज़ा आता है।

क्यू- आपको कुछ न कुछ करते रहने में मज़ा आता है। आपके पास बहुत ऊर्जा है। आपके साथी के लिए आपके कदम से कदम मिलाकर चल पाना थोड़ा कठिन होता है। आप बहुत जोशीले किस्म के प्रेमी हैं और लोग आपके प्रति सहज ही आकर्षित हो जाते हैं। आपको रोमांस, फूल और दिल ये सभी चीजें पसंद हैं। आपको बातें करने वाले लोग भी विशेष रूप से पसंद हैं।

आर- आपको फालतू बातों के बजाय सिर्फ काम की बातों में ही दिल लगाना अच्छा लगता है। आपको अपने स्तर के लोग ही पसंद आते हैं और यदि आपका साथी आपसे भी ज्यादा ऊँचे स्तर का हो तो और भी अच्छा है। आपको हमेशा दिमागदार लोग ही पसंद आते हैं। लेकिन शारीरिक सुंदरता भी आपके लिए बहुत मायने रखती है। आपको गर्व करने लायक पार्टनर की तलाश रहती है।

एस- आप रहस्यमयी, अपने आप में रहने वाले और शर्मीले हैं। प्रेम की भावना से ओत-प्रोत, संवेदनशील और जुनूनी हैं पर यह बात आप जाहिर नहीं होने देते हैं। जब कोई आपके बेहद करीब आता है तब ही उसे यह बात पता चलती है। अपने प्यार को आप बेहद गंभीरता से लेते हैं। आपमें सही व्यक्ति के मिलने तक इंतजार और सब्र करने की प्रवृत्ति है। प्यार में छिछोरापन आपको कतई बर्दाश्त नही।

टी- आप बहुत संवेदनशील, बातों को गुप्त रखने वाले और प्रेम के मामले में निष्क्रिय से हैं। आपको ऐसे पार्टनर की जरूरत है जो आपको प्रेरणा देता रहे। संगीत, रोमांस और हल्का प्रकाश आपको जगाने के लिए काफी है। आप प्यार में मुश्किल से पड़ते हैं लेकिन जब पड़ जाते हैं तो आपका उससे बाहर निकलना मुश्किल है। प्यार में आप रोमांटिक, आदर्शवादी व बहुत गहरे उतरने वालों में से हैं।

यू- आप जोशीले और आदर्शवादी हैं। जब आप अपने प्रेमी के साथ नहीं होते तब भी उसकी यादों में खो रहते हैं। आपको हमेशा सबकी प्रशंसा पाना पसंद है। आप रोमांस को चुनौती की तरह देखते हैं। रोमांच, नई खोज और आज़ादी आपको प्रिय है। अपने प्रेमी/प्रेमिका को उपहार देना आपको पसंद है। आप यह भी चाहते हैं कि आपका प्रिय हमेशा सबसे अच्छा लगे। खुद से ज्यादा साथी की खुशी चाहते हैं।

वी- आप स्वयं के लिए जीने वाले हैं। आपको आजादी, जोश और अपना अलग स्थान चाहिए। आप तब तक इंतज़ार करते हैं जब तक कोई आकर आपसे प्यार का इज़हार न कर दे। आपके लिए किसी को जानने का मतलब उसकी साइकोलॉजी को समझना है। खुले दिल वाले लोग आपको प्रभावित करते हैं। आपके प्रेमी और आपमें हमेशा उम्र का अंतर रहेगा। आप चाहते हैं कोई आपको आपकी कमियों के बावजूद प्यार करे लेकिन ऐसा होता नहीं है।

डब्ल्यू- आप कुछ गर्वीले, दृढ़ विचारों वाले और प्यार के मामले में ना-ना करने वाले हैं। आपका ईगो आपको आगे बढ़ने से रोकता है। रोमांटिक और आदर्शवादी होने के साथ आप अपने प्रेमी को वैसे ही पसंद करते हैं जैसा वह है यानी आपको बनावट पसंद नहीं है। आपको प्यार का खेल खेलने में आनंद आता है। अगर थोड़ा सा घमंड कम करें तो आपको बेहद खूबसूरत साथी शीघ्र ही मिल सकता है।

एक्स- आप बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं। आप एक साथ कई प्रेम संबंधों को निभाने की ताकत रखते हैं। आपको लगातार बोलते रहने में भी मजा आता है। आपके अपनी तरफ से कई प्रेम संबंध होते हैं यानी उनमें से कई काल्पनिक होते हैं। आप ख्वाबों में अव्वल दर्जे के सेक्सी हैं लेकिन हकीकत में ऐसे संयमित होने का ढोंग करते हैं जैसे आपके जैसा सीधा कोई नहीं। अपने अल्फाबेट की तरह ही प्यार के मामले में आप गलत इंसान है।

वाय- आप संवेदनशील और आत्मनिर्भर हैं। आप संबंधों में ज्यादा हक जताते हैं जिससे आपका रिश्ता लंबे समय तक नहीं टिकता। प्रेम में आपको स्पर्श में बहुत आनंद आता है जैसे हाथ पकड़कर बैठना, कंधे पर हाथ रखकर चलना। आप अपने प्रेमी को बार बार जताते हैं कि आप कितने अच्छे प्रेमी हैं। आपको उनकी प्रतिक्रिया भी चाहिए। आप खुले दिल के और रोमांटिक हैं।

जेड- आप सामान्य रूप से रोमांटिक हैं। जीवन में चीजों आसानी से लेना आपका शौक है और प्यार में भी यही बात आपको सच लगती है। आपको कहीं भी किसी से भी प्रेम हो सकता है। हर शख्स में आप खूबी तलाश लेते हैं। इसी कारण से लोग आपसे प्रभावित हो जाते हैं। आप प्रेम के मामले में खिलाड़ी हैं। आपको कोई खास फर्क नहीं पड़ता जब ब्रेक अप होता है। आप तुरंत नई तलाश शुरू कर सकते हैं।



Sunday, June 24, 2012

बोरवेल से तो निकाली गई लेकिन नहीं बची माही


गुड़गांव के मानेसर में बोरवेल में गिरी 4 साल की बच्ची माही को 86 घंटे बाद बाहर
तो निकाल लिया गया, लेकिन माही को बचाया नहीं जा सका। सेना के जवानों ने माही को बोरवेल से निकालने के बाद तुरंत अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने माही को मृत घोषित करार दिया। मौके पर पहले से खड़ी सेना की एंबुलेंस में माही को अस्पताल पहुंचाया गया था। गुड़गांव सीएमओ पी के गर्ग के मुताबिक माही को नहीं बचाया जा सका।मालूम हो कि 20 जून की रात 11 बजे माही अपने घर के करीब के बोरवेल में गिर गई थी। ये बोरवेल तकरीबन 68 फीट गहरा था। बोरवेल काफी संकरा है इसलिए माही को बचाने में काफी दिक्कत आ रही है। सेना, एनएसजी, स्थानीय प्रशासन और मेट्रो प्रशासन भी माही को बचाने में जुटा था।
सेना ने माही को बोरवेल में ऑक्सीजन की सप्लाई दी हुई थी। सीसीटीवी कैमरे से माही के शरीर में किसी तरह की हरकत नजर नहीं आ रही थी।। कैमरे से माही का सिर्फ हाथ ही दिख रहा था। सेना ने इस बोरवेल के बगल में तकरीबन 80 फुट से ज्यादा का गड्ढा खोदा, लेकिन रास्ते में पत्थर आने की वजह से माही तक पहुंचने में देरी हो रही थी। आखिरकार माही को 68 फीट जमीन के नीचे से निकाल लिया गया है।

Sunday, April 29, 2012

भीख की मोबाइल दुकान, अतुल्य भारत की पहचान


 धीरेन्द्र अस्थाना ये भी एक दुकान है। भारत की पहचान है। भूख का इम्तिहान है और मेरा भारत महान है। हां, चौंकिए मत, शहर की ऐतिहासिक इमारतों पर भीख मांगने का धंधा पूरे शवाब पर है। इन बच्चों को भीख मंगवाने के लिए बाकायदा सौ रुपये रोज पर किराए पर लाया जाता है। किराए के ये भिखमंगे बच्चे अपने इमोशन्स के दम पर धंधा तो कर लेते हैं, मगर पर्यटन नगरी का नाम जरूर गंदा कर देते हैं। यही तो है मेरे अतुल्य भारत की असली तस्वीर!
आगरा किला हो या ताजमहल। इन जगहों पर छोटे-छोटे बच्चों को भीख मांगते देखा जा सकता है। इन बच्चों के निशाने पर विदेशी पर्यटक होते हैं। महज पांच-छह साल की उम्र के ये बच्चे अपने साथ गोद में एक और छोटा बच्चा लिये रहते हैं, जिससे विदेशी पर्यटकों को इमोशनली ब्लैकमेल किया जा सके। सूत्रों के मुताबिक, मूवी ट्रैफिक सिग्नल की तरह से ही इस शहर में भी भीख मांगने का धंधा चल रहा है। इन बच्चों को सौ रुपये प्रतिदिन के किराये पर लाया जाता है। भीख मांगने के इस धंधे में उतारने से पहले इन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दी जाती है।
जिससे ये विदेशी पर्यटकों को अच्छी तरह से पिघला सकें। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, इन बच्चों के साथ दिनभर इनका एक आका भी रहता है, जो पुलिस के साथ पूरी साठ-गांठ करके रखता है। पुलिस की मुट्ठी में जैसे ही चंद नोटों की गर्मी आती है, वह भी इन भिखमंगे बच्चों की तरफ से अपनी नजरें फिरा लेते हैं। बस इसके बाद भीख मांगने की ये दुकान पूरी रफ्तार से दिनभर के लिए दौड़ पड़ती है। गाड़ियों से विदेशी पर्यटकों के उतरते ही उन्हें इन बच्चों द्वारा घेर लिया जाता है। इतना ही नहीं, कई बार तो इन बच्चों की वजह से विदेशी पर्यटक झल्ला तक जाते हैं, मगर, पुलिस को पर्यटकों की यह परेशानी दिखाई नहीं देती। हालांकि पुलिस के पूर्व आलाधिकारी ने इन बच्चों को हटाने की कवायद की थी, मगर मौजूदा समय में इन बच्चों का गैंग एक बार फिर से ऐतिहासिक इमारतों के आसपास सक्रिय हो उठा है।

Saturday, April 14, 2012

न्यूज़ चैनलों पर खबर चलने के बाद भक्तों की निर्मल बाबा पर TRP घटी


टीवी न्यूज़ चैनलों की TRP से अब निर्मल बाबा पर भक्तों की वैसी किरपा नहीं रही. पहले स्टार न्यूज़, फिर ज़ी न्यूज़ और उसके बाद आजतक पर निर्मल बाबा के खिलाफ ख़बरें दिखाने के कारण निर्मल बाबा का ग्राफ तेजी से गिर रहा है और साथ में उनपर हो रही धनवर्षा में भी कमी आयी है. इसके अलावा निर्मल बाबा के लिए मुश्किलें भी खड़ी हो गयी है.
झारखंड के अखबार ' प्रभात खबर ' के खुलासे के बाद बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर निर्मल बाबा की कमाई पर है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है कि विभाग उनकी कमाई और रिटर्न की जांच करेगा। अखबार ने दावा किया था कि निर्मल बाबा के दो बैंक खातों में सिर्फ इस साल अब तक 232 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। हालाँकि निर्मल बाबा ने आजतक के इंटरव्यू में खुद अपनी सालाना आय 238 करोड़ के आस-पास बताई है.
nirmal baba प्रभात खबर ' का दावा है कि निर्मल बाबा के दो खाते हैं। एक निर्मल दरबार के नाम से ( जिसका नंबर टीवी पर चलता रहता है ) और दूसरा निर्मलजीत सिंह नरूला के नाम से। निर्मल दरबार के नाम से चलने वाले खाते में इस साल जनवरी से अब तक 109 करोड़ रुपये जमा हुए। उनके पर्सनल अकाउंट नंबर 1546000102129694 में अखबार के मुताबिक 4 जनवरी 2012 से 13 अप्रैल 2012 के बीच 123 करोड़ ( कुल 1,23,02,43,974) रुपये जमा हुए। खुद निर्मल बाबा ने भी एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वीकार किया कि फर्जीवाड़े से बचने के लिए ही उन्होंने दो खाते रखे हैं। इसके अलावा बाबा के नाम 25 करोड़ फिक्स्ड डिपॉजिट भी हैं। निर्मल बाबा की आय के दो स्रोत हैं निबंधन शुल्क और दसवंद शुल्क। समागम में भाग लेने के लिए भक्तों से दो हजार रुपये प्रति व्यक्ति वसूला जाता है , जबकि दसवंद शुल्क का अर्थ आय का दसवां हिस्सा बाबा के पास जमा करना। यह राशि पूर्णिमा के पहले जमा करनी होती है। विवाद के बाद बाबा का सेंसेक्स गिरा निर्मल बाबा को लेकर जैसे - जैसे विवाद बढ़ता जा रहा है भक्तों की ' श्रद्धा ' भी उनमें घटती जा रही है। प्रभात खबर के मुताबिक , निर्मल दरबार के नाम से आईसीआईसीआई बैंक में खुले निर्मल बाबा के खाते ( संख्या 002-905-010-576) में शुक्रवार को सिर्फ 34 लाख जमा किए गए। पहले इस खाते में रोज़ औसतन एक करोड़ रुपये जमा किए जा रहे थे। पहले औसतन चार से साढ़े चार हजार लोग हर रोज निर्मल बाबा के खाते में राशि जमा कर रहे थे। शुक्रवार शाम पांच बजे तक देश भर के 1800 लोगों ने ही बाबा के आईसीआईसीआई बैंक खाते में राशि जमा की है।
निर्मल बाबा को लेकर जैसे - जैसे विवाद बढ़ता जा रहा है भक्तों की ' श्रद्धा ' भी उनमें घटती जा रही है। प्रभात खबर के मुताबिक , निर्मल दरबार के नाम से आईसीआईसीआई बैंक में खुले निर्मल बाबा के खाते ( संख्या 002-905-010-576) में शुक्रवार को सिर्फ 34 लाख जमा किए गए। पहले इस खाते में रोज़ औसतन एक करोड़ रुपये जमा किए जा रहे थे। पहले औसतन चार से साढ़े चार हजार लोग हर रोज निर्मल बाबा के खाते में राशि जमा कर रहे थे। शुक्रवार शाम पांच बजे तक देश भर के 1800 लोगों ने ही बाबा के आईसीआईसीआई बैंक खाते में राशि जमा की है।
बाबा की सफाई पूरे प्रकरण पर पहली बार बाबा ने शुक्रवार को चुप्पी तोड़ी। ' आज तक ' चैनल को दिए इंटरव्यू में निर्मल बाबा ने कहा , ' मेरे यहां किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है। मैं चुनौती देता हूं कि किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था से मेरे दावों की जांच करवाई जाए। मेरा टर्नओवर 85 करोड़ नहीं , बल्कि सालाना 235-238 करोड़ का है , जिसका मैं टैक्स चुकाता हूं। मैं इन पैसों से एक भव्य मंदिर बनवाना चाहता हूं। मैंने कोई ट्रस्ट नहीं बनाया है। फर्जीवाड़े से बचने के लिए मैं दो अकाउंट रखता हूं। ' निर्मल दरबार ' और ' निर्मलजीत सिंह नरूला ' के नाम चल रहे दो बैंक खाते मेरे हैं। ' नीलम कपूर के नाम पर बने ड्राफ्ट के सवाल पर निर्मल बाबा ने कहा कि नीलम कपूर से मैंने फ्लैट खरीदा था , इसलिए उनके नाम पर ड्राफ्ट बनवाया गया। निर्मलजीत सिंह नरूला से निर्मल बाबा बनने के सवाल पर उन्होंने कहा , ' मुझे निर्मलजीत सिंह नरूला से निर्मल बाबा बनाने में इंदर सिंह नामधारी का हाथ है। उन्होंने मेरी शुरू में मदद की थी। लेकिन बाद में झारखंड में मैं जिस मानसिक उत्पीड़न से गुजरा उसके बाद ही मैं निर्मल बाबा बन गया। ' निर्मल बाबा ने आरोपों के जवाब में कहा , ' मैंने कभी चमत्कार का दावा नहीं किया। मैं इसे कृपा कहता हूं। मैं अंधविश्वसा को तोड़ने वाला माना जाता हूं। यंत्र मंत्र तंत्र के पाखंड में फंसने वालों के खिलाफ हूं। ये कृपा पैसे से खरीदी नहीं जा सकती है। मेरे साथ लोग जुड़ते चले जा रहे हैं। मेरे ऊपर पहली कृपा पटियाला के समाना मंडी में हुई थी। मैं अपनी मां के साथ था। घर की छत गिर गई और मेरी बहने उसमें दब गईं। '
WRITTEN BY एजेंसी/प्रभात खबर